[2023] New ideas ganpati decoration|घर में गणेश जी के सजावट के टिप्स

New Ideas ganpati decoration 2023 गणेश चतुर्थी का उत्सव हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस महापर्व के दौरान, हम सर्वप्रथम गणपति भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें सजावटी रूप में सजाते हैं।

यह कार्य से हमें प्रेम व भक्ति के साथ गणपति महाराज का स्वागत करने का मौका प्रदान करता है। इस लेख में, हम गणपति सजावट के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे, ताकि आप आपके आगामी गणेश चतुर्थी को और भी यादगार और शानदार बना सकें

Ideas ganpati decoration फूलों की सजावट

Table of Contents

ganesh ji decoration at home

गणेश जी की सजावट में फूलों का विशेष महत्व रहता है। फूलों का उपयोग: गणेश जी के मूर्ति के चारों ओर फूलों का रंगीन और सुंदर आकार बना सकते  |

मरुभूमि, लौंग और गुलाब के फूलों का अद्वितीय संयोजन करके आप शांतिपूर्ण वातावरण बना सकते हैं

गुलाब के प्यारे और पारंपरिक गहनों का उपयोग करके आप गणेश जी के पीठ पर लगा सकते   है, जो उनकी सजावट को भलीभांति सुंदर बनाता है।

इसके अलावा गेंदे का फूल का उपयोग करके आप चारों तरफ मंडप को सजा सकते हैं

 इसके अलावा आप केले के छोटे-छोटे पौधे को मंदिर के आगे के दोनों साइड में लगा सकते हैं | 

दिये और प्रकाश का सजावट

  • गणेश जी की सजावट में दिये का विशेष महत्व होता है। आप अपने गणेश मंदिर के आस-पास बहुत सारे छोटे और बड़े दिए रख सकते हैं। इससे मंदिर का वातावरण शांति और ध्यान में सुधार होता है।
  • दियों के निर्माण में अद्वितीय रंगीनता का इस्तेमाल करें |
  • आप कलर फुल दिए का उपयोग कर सकते हैं |

आकर्षक आभूषण का सजावट

  • गणेश जी के आस-पास आकर्षक आभूषण रखना भी उनकी सजावट को सुंदर बना सकता है।
  • धातु, पत्थर, चांदी, और सोने के अलंकार का उपयोग करके आप गणेश जी के चारणों पर अद्वितीय आभूषण अपना सकते हैं
  • घंटी और छाती के पास खूबसूरत घूंघरू या कार्पेट रखने के माध्यम से आप उन्हें अधिक आकर्षक बना सकते हैं।

पूजा हेतु सामग्री की सूची

  • गणेश मुर्ति: एक सुंदर और शुभ गणेश जी की मूर्ति खरीदना महत्वपूर्ण है। इसे सेविंग या मार्बल में उपलब्ध होता है।
    • आकार: आपके घर का आयाम और स्थान के अनुसार आप मूर्ति का आकार चुन सकते हैं।
    • रंग: गणेश जी की मूर्ति विभिन्न रंगों में उपलब्ध होती है, इसलिए आप अपने पसंद के रंग की चयन कर सकते है  ।
  • गुड़, गांठ और चावल: पूजा में महत्वपूर्ण हैं। जब आप पूजा कर रहे हों इन्हें मूर्ति के पास रखें ।
    • गुड़: मिश्रण या छोटे कटिंग वाले गुड़ को समर्पित करें।
    • गांठ: गांठ को खोलें और उसे गणेश जी के पैरों के आसपास बांधें।
    • चावल: ब्राउन चावल को शुद्ध कर और गणेश जी के साथ रखें।
  • फूल: गणेश जी की पूजा में फूल बहुत महत्वपूर्ण हैं। तुलसी के पत्ते, गेंदे के फूल और मोगरा गणेश जी को प्रिय होते हैं इसलिए इसे पूजा में शामिल जरूर करें।
    • तुलसी के पत्ते: एक आकर्षक थाली में तुलसी के पत्तों को सजाएं और उन्हें गणेश जी को अर्पण करें।
    • गेंदे के फूल: गेंदे के फूल या गुलाब के पेटल विशेषतः गणेश जी के चरणों के नीचे में सजाएं।
    • मोगरा: मोगरा पर्याप्त लंबाई वाली फूल के रूप में गणेश जी के चारों ओर या उनकी ट्रांक के पास सजाने के लिए उपयुक्त होता है।

सजावट के लिए सामान की खरीदारी कैसे करें ?

  • रंगों का चयन: गणेश जी की सजावट के लिए रंगों का चयन करना बहुत जरूरी होता है । रंगों की मदद से रंगोली बना सकते हैं और आप छोटे-छोटे लाइट की मदद से गणेश भगवान के रूम को सजा सकते हैं |
    • शानदार थाली: खास अवसरों पर गणेश जी के लिए विशेष थाली का उपयोग करें, जहां पर आप पूरे सामान को स्थापित कर सकते हैं।
    • अगरबत्ती स्टैंड: रंगीन और आकर्षक अगरबत्ती स्टैंड खरीदें ताकि आप अपनी पूजा स्थल को सुंदरता से सजा सकें।
    • दीपक: उत्कृष्ट और डिज़ाइन वाले दीपक को चुनें जो आपके गणेश जी के साथ अद्वितीय दिखेगा।
  • प्रकाश सजावट: पूजा के समय प्रकाश सजावट अत्यंत महत्वपूर्ण है।
    • डिया: गणेश जी के लिए अद्वितीय चमकदार डिये का चयन करें जो पूजा के विशेष अवसरों पर सजावट को बढ़ाते हैं।
    • तोरण: विभिन्न रंगों और डिज़ाइन के तोरण को आपके घर के दरवाजे में लगाएं जो पूजा के मौसम में आपके आतिथ्य की प्रतिष्ठा करेगा।

इस योजना के अनुसार आप घर में गणेश जी की सजावट कर सकते हैं | इस सजावट से आप सबका ध्यान आकर्षित कर सकते हैं।

गणेश जी का सही स्थान कैसे चुनें ?

यदि आप गणेश जी के लिए एक पूजा स्थल चुनने की योजना बना रहे हैं, तो एक सही स्थान का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। जब हम देवी-देवताओं की पूजा करते हैं, तो हमारे मन में एक श्रद्धालु और शांत भावना होनी चाहिए।

दूसरे शब्दों में, हमें किसी ऐसे स्थान की तलाश करनी चाहिए, जो हमारे आत्मा को प्रसन्न रखेगा और हमें स्थिरता और सुख का एहसास कराएगा।

अपने घर में एक गणेश जी के लिए पूजा स्थल का चयन करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें:

  • सही दिशा का चयन करें: गणेश जी की मूर्ति को पूजन स्थल पर सबसे पहले यह ध्यान में रखें कि स्थान की दिशा कैसी है। एक सुखी और समृद्धि भरी जिंदगी के लिए कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व दिशा में गणेश  की मूर्ति स्थापित करने से अधिक से अधिक लाभ हो सकता है
  • प्राकृतिक प्रकाश का ध्यान रखें: पूजा स्थान चुनते समय ध्यान दें कि वहां प्राकृतिक प्रकाश की कितनी मात्रा मिलेगी। उसका हमारे मन और आत्मा पर क्या प्रभाव होगा।

पूजा स्थल की सुविधाओं की व्यवस्था

गणेश जी के लिए एक सुखद पूजा स्थल बनाने के लिए आपको कुछ सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी। कम समय, धन, और संसाधनों के होने की स्थिति में, यदि आप कुछ अनुभवी तरीकों का उपयोग करेंगे, तो आप इसके लिए उपयुक्त पूजा स्थल बना सकते हैं।

  • इंटरियर का ध्यान रखें: पूजा स्थान के लिए सही इंटीरियर व्यवस्था तथा आरामदायक सुविधाएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं।
  • आप गणेश जी की मूर्ति को गहरे रंग के सामग्री से सजा सकते हैं साथ ही, आप मंगल कलश, धूप दीप, और पुष्पांजलि क्रमशः रख सकते हैं ताकि आपकी पूजा में पूरी शान्ति और प्रसन्नता हो।
  • शांति और सरलता: पूजा स्थान में घूमने के दौरान आपको उसकी सभी सुविधाएं जैसे कि बेडिंग अर्डर, ताजगी का प्रदान, और स्नान का सुविधान्‍तरण जैसी बातों का भी ख्याल रखना चाहिए।
  • आपको इसकी सुविधा के लिए उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि आपके गणेश जी की पूजा आपके लिए शांति और क्षमता का स्त्रोत बने।
  • संगीत और वदन: आप अपने पूजा स्थान में संगीत की सुविधा का भी ध्यान रख सकते हैं। गणेश जी की पूजा के समय आप मंगलगीत, भक्तिसंगीत या कोई और सुन्दर संगीत का आनंद ले सकते हैं जिससे सबका ध्यान श्री गणेश पर बना रहे ।

सजावट में उपयोग होने वाले सामग्री

देवी देवताओं का पूजन करना एक हिंदू धर्म की एक प्राचीन परंपरा है जो हमारे भारतीय सांस्कृतिक अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पूजन करने के लिए अनेक प्रकार की सामग्री का उपयोग किया जाता है जिनकी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

पुष्प और आपूली

  • पुष्प हमारी पृथ्वी की सुंदरता का प्रतीक होते हैं। इसीलिए देवी पूजन में पुष्पों का उपयोग करना प्रशंसनीय होता है। गुलाब, चमेली, मरिगोल्ड, जस्मीन, रौंद्रनी आदि प्रमुख पुष्पों का उपयोग किया जाता है।
  • आपूली प्रकाश और उष्णता की प्रतीक होती है। दीपक जलाने के लिए आपूली का उपयोग किया जाता है।

धूप और अगरबत्ती

  • धूप से दूरगंध फैलती है और प्रार्थना को शुद्ध और शांति भरे बनाने में मदद करती है। धूप जलाने के लिए विभिन्न मसालों का उपयोग किया जाता है।
  • गुग्गुल, लोबान, समीती, केसर, चंदन, मोती, दालचीनी, जैतूनी, एलोवेरा, रूई आदि धूप के मसालों का उपयोग किया जाता है।
  • अगरबत्ती से भगवान की कृपा को आकर्षित किया जाता है। इसका उपयोग सुगंधित सुगंध फैलाने के लिए किया जाता है।
  • जिनस्सेंचु, लोबान, चंदन, कपूर, तुलसी, गुग्गुल, जैपाल, मक्के की बाल आदि अगरबत्ती के मसालों का उपयोग किया जाता है।

दीपक और प्रदीपतों की महत्वपूर्ण भूमिका

देवी देवताओ की पूजा पाठ में दीपक और प्रदीपति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह नीचे दिए गए संकेतों के अनुसार कर सकते है |

  • दीपक प्रकाश का प्रतीक है और रोशनी का प्रकाश देवी पूजन प्रदर्शित करता है।
  • दीपक को जलाने के लिए तेल और बत्ती का उपयोग किया जाता है। यह इंधन का द्वारा प्रकाशित होता है।
  • प्रस्तुत मसालों का उपयोग करके दीपक को सुंदरता और सुगंधित बनाया जा सकता है:
  • तेल, घी, हल्दी, सरसों, बादाम, सेमल, झुर्रियों का माला, मोती, पीले रंग की रेशमी धागा, सोने की पत्ती, लकड़ी की पत्ती, पतंगी, जैपाल, अशोक की पत्ती, रौंद्रनी आदि।

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गणेश जी की मूर्ति चयन कैसे करे ?

  • मूर्ति के लिए सही साइज़ चुनें – गणेश जी की मूर्ति को चुनने के दौरान साइज़ का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है। मूर्ति का साइज़ स्थान के अनुसार चयन करना चाहिए।
    • छोटी मूर्ति उपयुक्त होती है जब गणेश जी की स्थापना एक आम घर में की जा रही होती है। इसके विपरीत, बड़ी मूर्ति जब गणेश जी का इंधन व अनुयाय भारी होते हैं, वहां पर रखी जाती है।
    • इसलिए, गणेश जी की मूर्ति का साइज़ चुनते समय उनके प्रसाद और उनके उपास्य श्रद्धालुओं की संख्या का भी ध्यान देना चाहिए।
  • मूर्ति की सामग्री – गणेश जी की मूर्ति की सामग्री का चयन भी महत्वपूर्ण है। मूर्ति की बनावट, रंग और उपयोग होने वाली सामग्री एक धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होती हैं।
    • अधिकांश मूर्तियां दस्ताने, मिटटी, राखी या पारे से बनी होती हैं। जिन्हें आप अपने श्रद्धा और स्थान के अनुसार चुन सकते हैं।
  • मूर्ति की स्थापना कैसे करें? मूर्ति की स्थापना करते समय कुछ ध्यान देने योग्य बातें होती  है | सबसे पहले आप एक पवित्र स्थान चुनें, जहा आप गणेश जी को बैठना चाहते  हैं। उत्तम होगा यदि आप मंदिर या पूजा कक्ष के एक कोने में मूर्ति की स्थापना करे 
    •  इसके साथ ही, मूर्ति को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए उचित तकनीक का उपयोग करना आवश्यक है।
    • मूर्ति को स्थापित करने से पहले, लोग चावल, फूल, गंगाजल और सुपारी का उपयोग करके शुभारंभ का आयोजन करते हैं।
    • स्थापना के दौरान मंत्रों का जाप कर, धूप और दीपक जलाकर आप गणेश जी की मूर्ति का सम्मान कर सकते हैं।

पूजा पाठ का विधि और विधान

  • पूजा  मंत्रों का महत्व
    • पूजा में मंत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है। मंत्रों का यथार्थ अर्थ है “मनःसम्पादन संकेत” यानी मन को शांत और एकाग्र करने के लिए वचनों या ध्वनियों का उपयोग। पूजा के दौरान मंत्रों का पाठ करने से हमारा मन एक चरित्रवान, पवित्र और शुद्ध होता है।
    • मंत्रों का पाठ करने का एक विशेष तरीका होता है जो अंधाकार को दूर करके आशा और प्रकाश को आमंत्रित करता है। 
    •  यदि आप पूजा की विधि को सही ढंग से अनुसरण करना चाहते हैं, तो धर्मग्रंथों और संबंधित आचार्यों के परामर्श की सलाह लें। और ध्यान दें कि पूजा व्यक्तिगत धार्मिकता की एक व्यक्तिगत अभ्यास है इसलिए अनुष्ठान के लिए अपने संगठन के नियम, नियम और आराधना विधि का पालन करें।

गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें ?

गणेश चतुर्थी, हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण एक त्योहार है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसको मनाने से लोग मान्यताओं के अनुसार सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

यह पूजा अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। गणेश चतुर्थी के दिन विशेष आयोजन किया जाता है जो इस त्योहार को और भी खास बनता हैं।

  • गणेश पूजा गणेश चतुर्थी के दिन गणेश पूजा करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
    • पूजा की शुरुआत गणपति मंत्र के उच्चारणकी जाती है, पूजा के दौरान लोग गणेश मूर्ति के सामने अद्भुत आरती भी सुनते हैं और बधाई देते हैं।
    • पूजा में फूलों का यूथ और सुगंधित धूप बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं, यह गणेश को नया जीवन और सुख का प्रतीक भी माना जाता है।
  • विशेष प्रसाद और रेसिपीगणेश चतुर्थी के दिन विशेष रूप से प्रसाद की तैयारी भी की जाती है। ये प्रसाद भक्तों को गणेश का आशीर्वाद प्रदान करते हैं ।
    • मोदक को गणेश का प्रिय प्रसाद माना जाता है। यह मिठाई गर्म दूध और गुड़ के साथ बनाई जाती है। मोदक में परोसे जाने वाले रंगबिरंगी छोटी-बड़ी गोलियों के आकार में बनाई जाती  हैं।
    • क्योंकि यह प्रसाद श्री गणेश भगवान को बहुत तेज होता है इस प्रसाद को चढ़ाने से गणेश भगवान बहुत ही गणेश भगवान बहुत ही खुश होते हैं | 
  • उपमा गणेश चतुर्थी के उपवास में उपमा बनाना भी बहुत ही प्रचलित है। यह तला हुआ सूजी बहुत ही प्रिय होता है है जिसे हम तेल के साथ चटपटे मिर्च और भुने छोटे-छोटे अदरक के टुकड़ों के प्रयोग किए जाता  हैं।
    • यह मसालेदार स्वाद गणेश चतुर्थी के माहौल को अधिक स्पेशल बनाता है।
    • इसलिए, गणेश चतुर्थी पर हमें इन सारे आयोजनों का आनंद लेना चाहिए और यह त्योहार हमें सामूहिक आनंद और समर्पण की भावना प्रदान करेगा।

श्रद्धा और भक्ति से पूजा कैसे करें ?

जब हम पूजा करना स्टार्ट करते है तो हम अपने आप को ईश्वर को समर्पण करते है यहां कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं जिनका उपयोग करके आप तन मन धन से पूजा कर सकते हैं:

  • स्थिर और शांत माहौल: पूजा के लिए खास स्थान या अलग एक कमरे का चयन करें, जहां हम साधना कर सकते हैं। तभी पूजा करते समय हमें शांति महसूस हो सके।
    • शांतिपूर्ण स्थान की सुविधा: यदि संभव हो तो पूजा स्थल को शांतिपूर्ण बनाने के लिए अलंकार के साथ सौंदर्य भी जोड़ें।
    • संगीत का प्रयोग: ध्यान को बढ़ाने के लिए पूजा के दौरान संगीत का प्रयोग करें। यह पूजा के लिए मन को इतनी अधिक शांति और ध्यान ध्यान को बढ़ाने में काफी मददगार होता  है।
  • श्रद्धा और अवगुणता: पूजा के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हम ईश्वर के प्रति अपार श्रद्धा और अवगुणता के साथ जुड़ें यह हमारे मन को शुद्ध बनाए रखने में मदद करता है ।
    • मंत्रों का जाप: पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करने पर हमारा मन शांत को शांति मिलती है और मन हमारा  स्थिर होता है, इससे  ईश्वर के प्रति हमारी भक्ति भक्ति को और  बढ़ाता है।
    • संकल्प: पूजा की शुरुआत में हमें एक संकल्प लेना चाहिए, जिसमें हम अपनी श्रद्धा और भक्ति का व्यक्तिगत विवरण देते हैं। यह हमारे मन को समय एवं जगह के बाहर खींचने में मदद करेगा।

पूजा के समय मन को शांत कैसे रखें ?

पूजा एक धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधि है जिसे हम अपनी ईश्वरीय उपासना का एक माध्यम मानते हैं। जीवन में अनेक बाधाओं और तनावों के कारण, हमें अक्सर पूर्णता और सुकून की आवश्यकता होती है

जब हम पूजा कर रहे होते हैं, तो मन को शांत और संतुलित बनाने के लिए एक आदर्श वातावरण बहुत महत्वपूर्ण होता है।

इसलिए आप अपने पूजा स्थान को सुंदर, शांतिपूर्ण और शुद्ध बनाएंतथा  बच्चे और कुत्ते जैसे आवाजों को रोकने के लिए ध्यान दें । इसके अलावा, आप आरामदायक और सूर्य की सन्नी रोशनी द्वारा प्रकाशित होने वाले आरक्षित स्थान चुन सकते हैं|

चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा में कौन से मंत्र जपे जाते हैं

गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी का कुछ विशेष मंत्र है जो जापे जाते हैं इसके अलावा गणेश जी की आरती चालीसा भी पढ़ा जाता है नीचे आप गणेश चतुर्थी के मत देख सकते हैं|

  1. ओम गं गणपतये नमः
  2. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
  3. ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्
  4. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
  5. ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः

प्रसाद और वितरण कैसे करें

प्रसाद की व्यवस्था एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठशाला, मंदिर या समारोह में अनिवार्य ढंग से होती है। यह धार्मिक आयोजन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसे लोगों को दिया जाता है ताकि वे अपने आस्था और आनंद को बढ़ा सकें। आइए इस लेख में हम देखेंगे कि प्रसाद की व्यवस्था और बितरण कैसे कर सकते हैं।

प्रसाद की तैयारी और वितरण हेतु नियम

यह पहला पायदान होता है जिसे ध्यान में रखना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रसाद की तैयारी में  आप कुछ तरल पदार्थ और मिठाई चुन सकते हैं, जैसे आटे के लड्डू, मिस्ठान, पुड़ी, केला , सेब आदि का उपयोग कर सकते है ।

किसी भी पूजा पाठ में प्रसाद तैयार करते समय प्राकृतिक आपूर्ति का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है। यह प्राकृतिक आहार का एक प्रकार है, जिसमें केवल प्राकृतिक औषधि पदार्थ सम्मिलित होते हैं।

प्रसाद का वितरण एक औपचारिक और सच्ची मुद्रा का प्रदर्शन करता है। इस धार्मिक प्रक्रिया में वितरण करने के कुछ महत्वपूर्ण तरीके हैं जिन्हें हम आज देखेंगे।

  • ध्येय – प्रसाद का वितरण करते समय हमेशा इसके ध्येय को ध्यान में रखें। हमेशा यह उद्देश्य होता है कि हर आत्मा को समान रूप से प्रसाद मिलना चाहिए।
  • संख्या – विभाजन के लिए संख्या ध्यान में रखें। लोगों के बीच वितरण करने के लिए एक क्षेत्र का चयन करें और उन्हें अपने आनंद के अनुसार प्रसाद दें।
  • ध्यान रखें – किसी को भी प्रसाद देते समय आप अपनी भावनाओं के साथ सामने वाले को मुस्कान दें और उन्हें आत्मीयता के साथ संबोधित करें। 

प्रसाद का वितरण करने का एक बड़ा अवसर होता है अपने धर्मिक समुदाय को संगठित होते है । इसलिए बिना किसी भेदभाव के सभी को एक बराबर प्रसाद देने का कृपा करें | 

अंतिम शब्द

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने सीखा New Ideas ganpati decoration के बार में की हम गणेश जी की सजावट कैसे कर सकते हैं। यहाँ आपको सभी आवश्यक जानकारी मिलेगी, जैसे पूजा के लिए सामग्री, पूजा स्थल की व्यवस्था, मूर्ति स्थापना, पूजा की विधि, विशेष आयोजन, प्रसाद, सजावट की देखभाल, और बहुत कुछ। तो आइये अपने घर को सुंदर और प्रसन्नतापूर्ण बनाने के लिए आगे बढ़ते हैं|

चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा में कौन से मंत्र जपे जाते हैं

ओम गं गणपतये नमः | वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात्ॐ | शान्तिः शान्तिः शान्तिः

पूजा स्थल के लिए सबसे शुभ दिशा कौन सी होती है?

एक सुखी और समृद्धि भरी जिंदगी के लिए कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्व दिशा में गणेश  की मूर्ति स्थापित करने से अधिक से अधिक लाभ हो सकता है।

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